लखीमपुर : पुलिस उपनिरीक्षक जोनमोनी राभा की मौत के बाद फैली सनसनी के बीच पुलिस संचालक प्रधान के निर्देश पर मामले की जांच की जिम्मा सीआईडी को मिलने के बाद सीआईडी की तीन सदस्यीय टीम ने अभियान आरंभ कर दिया है। मामले के संदर्भ में आज सीआईडी की टीम ने जिले के नाउवैसा बोरसला में अभियान आरंभ कर दिया। दल ने लखीमपुर पुलिस के सहयोग से अजगर अली के घर में अभियान चलाकर अजगर अली की मां अमिना खातुन से पूछताछ की, लेकिन टीम की मौजूदगी को देखते हुए अजगर अली घर से निकल कर छिप गया।
इसके बाद अजगर अली सीधे संवाददाताओं के समक्ष पहुंचा और पूरे घटनाक्रम के संदर्भ में जानकारी दी। अली के गत छह मई की रात लगभग 2.30 बजे जोनमोनी राभा अपनी टीम के साथ उनके घर पहुंची और खुद को नाउवैसा थाना पुलिस कहकर दरवाजा खोलने को कहा। उसने नाउवैसा पुलिस का नाम सुनकर दरवाजा खोल दिया, जिसके बाद जोनमोनी राभा की टीम ने उसके घर में तलाशी अभियान चलाया। नगांव में अजगर अली के खिलाफ दर्ज मामले के आधार पर अभियान के दौरान जोनमोनी राभा के दल ने उसके घर से 80 हजार रुपए और कुछ दस्तावेजों को जब्त करने के बाद उसे हथकड़ी पहनाकर पहले बंगालमरा थाने ले जाने की बात कही।
इस दौरान राभा की टीम ने उसके भाई की गाड़ी भी अपने साथ ले गए। अली ने कहा कि राभा ने उसे बंगालमरा नहीं ले जाकर नगांव के लिए रवाना हो गई। पुलिस के इस छह-सात सदस्यीय दल के साथ कुछ अन्य लोग भी थे। इसके बाद राभा की टीम गोहपुर के बाइपास ले गई और वहां पांच लाख रुपए की मांग की। इस राशि का लेन-देन रियाजुल हक नामक व्यक्ति की गाड़ी के माध्य से किया गया। रुपए मिलने के बाद गाड़ी सहित उसे छोड़ दिया गया। अजगर अली ने संवाद माध्यम के समक्ष कहा कि इस घटना में हम पुलिस के साथ संपूर्ण सहयोग करने को तैयार हैं और किसी भी परिस्थिति में पुलिस को गुमराह नहीं करेंगे, वहीं दूसरी ओर अजगर अली की मां अमिना खातुन ने भी संवाददाताओं के सामने अली द्वारा दी गई जानकारी को ही दोहराया,वहीं दूसरी ओर सीआईडी का अभियान जारी है और मामले के संदर्भ में कई और लोगों से पूछताछ की जा सकती है।