गुवाहाटी : मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी महानगर स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में शुक्रवार को प्राकृतिक कृषि सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शिरकत की। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसके बाद कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष भूटानी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने फसल बीमा योजना के वित्तीय लाभ के आधिकारिक वितरण की प्रक्रिया शुरू करने के अवसर पर कहा कि इस योजना से किसानों को बाढ़ के संकट से खुद को बचाने में मदद मिली है।
गौरतलब है कि पिछले तीन सीजन में प्रदेश के करीब 3,02,465 किसानों को प्रधानमंत्री फसल योजना के तहत 236 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि किसानों से केवल 100 रुपए ब्याज के रूप में लेकर केंद्र और राज्य सरकारें मुफ्त में प्रीमियम मुहैया कराती हैं। किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि जो किसान सहकारी समिति के माध्यम से अपना दूध बेचते हैं, उन्हें राज्य सरकार 5 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी देगी।
मुख्यमंत्री ने कॉन्क्लेव आयोजित करने के लिए कृषि विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती कृषि के वैकल्पिक रूप में जरूरी है, क्योंकि आधुनिक अकार्बनिक कृषि उच्च पैदावार देती है और इससे मिट्टी की गुणवत्ता के साथ-साथ पर्यावरण में भी कमी आती है। इसलिए, राज्य सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करने के लिए प्राकृतिक खेती का अच्छा उपयोग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आगे आना चाहिए और इसे जन आंदोलन बनाना चाहिए।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा कृषि मंत्री अतुल बोरा ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उद्घाटन समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत की पत्नी दर्शना देवी, कृषि मंत्री उत्तराखंड गणेश जोशी, राजस्व मंत्री जोगेन मोहन, ऊर्जा मंत्री नंदिता गरलोसा सहित कई कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान उपस्थित थे। इससे पहले, गुजरात के राज्यपाल देवव्रत ने मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा के साथ एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जहां स्थानीय उद्यमियों के कई जैविक उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे।