गुवाहाटी : अखिल असम छात्र संघ (आसू) ने राज्य सरकार पर मातृभाषा असमिया को ध्वंस करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही कहा कि आसू मातृभाषा का हमेशा से पक्षधर रहा है। ऐसे में राज्य सरकार के मातृ भाषा विरोधी सिद्धांत के खिलाफ आसू 28 मई से एक माह तक धारावाहिक रूप से आंदोलन करेगा। इस आशय की घोषणा आज आसू के मुख्य सलाहकार डॉ. समुज्ज्वल कुमार भट्टाचार्य ने उजान बाजार स्थित शहीद न्यास में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की। उन्होंने कहा कि आसू नाम के लिए आंदोलन नहीं करता है हमेशा समस्या के समाधान के लिए आंदोलन करता है।
कोई हमारी मां के मुंह की भाषा को खत्म करे यह हमें कतई बर्दाश्त नहीं होगा। इसकी आड़ में राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों को बंद करने के साथ व्यक्तिगत विद्यालयों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। उनका कहना है कि हम सीबीएससी अथवा अंग्रेजी विषय का विरोध नहीं करते हैं, परंतु सरकार गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई को अंग्रेजी भाषा में थोपना चाहती है जो हमें कतई मान्य नहीं है। राज्य के असमिया, बोरो, राभा के साथ अन्य जनजातीय भाषाओं का संरक्षण हर हाल में होना चाहिए। इसके साथ ही विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में पढऩे का अधिकार मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 28 मई को इस संदर्भ में परामर्श के लिए असम के शिक्षक संगठनों के साथ संयुक्त परिचर्चा, 31 मई को सभी आंचलिक संगठनों द्वारा सुबह सुबह 9 बजे से 10 घंटे का अनशन,5 जून विश्व परिवेश दिवस पर आसू द्वारा मातृभाषा माध्यम के शिक्षण संस्थानों तथा स्थानीय लोगों के सहयोग से पौधा रोपण, 6 जून को जन सत्याग्रह, 10 जून को छात्र संहति दिवस ,15 जून को जिला व सदर स्तर पर प्रदर्शन, 14 जून को साइकिल शोभायात्रा, 20 जून को विष्णुराभा दिवस व 27 जून को गुवाहाटी में शैक्षिक सभा आयोजित होगी। मौके पर आसू के महासचिव शंकर ज्योति बरूवा के साथ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।