भारत की पौराणिक पद्धति योग ने विश्व आंदोलन का रूप ले लिया है। देश-विदेश के लोगों का योग के प्रति झुकाव बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अनूठे योग सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में कुल 180 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जो एक वल्र्ड रिकॉर्ड है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग सही मायने में विश्व-व्यापी तथा कॉपीराइट एवं पेटेंट से मुक्त है। उन्होंने कहा कि योग भारत से आया है, जो यहां की पुरानी परंपरा है।

योग किसी भी उम्र के महिला या पुरुष द्वारा तंदुरुस्ती के लिए किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि योग का उद्देश्य एकजुट करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में योग के बारे में प्रभावशाली भाषण दिया था। मोदी की सलाह पर ही 21 जून 2015 को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। अब योग अमरीका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जापान, अफ्रीका, हंगरी, बुल्गारिया, स्पेन, ब्राजील, श्रीलंका, भूटान तक पहुंच चुका है। उपरोक्त देशों में भारतीय योग प्रशिक्षक अपनी सेवा भी दे रहे हैं। योग जीवन जीने का तरीका है।

योग लोगों को तंदुरुस्त रखता है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष केसाबा कोरोसी, हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर, न्यूयार्क शहर के मेयर एरिक एडम्स भी शामिल हुए। इस मौके पर एलईडी स्क्रीन के जरिए भारतीय संस्कृृति के वीडियो दिखाये गए। दुनिया के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी जगह-जगह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग सत्र का आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों में भी योग को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा था। देश की राजधानी नई दिल्ली से लेकर सभी राज्यों की राजधानियों में भी लोगों ने योग किया। अब वैश्विक स्तर पर इस पद्धति ने अपनी पहचान स्थापित कर ली है। योग तन और मन को संतुलित रखने के साथ-साथ आधुनिक जीवन शैली से उपजे तनाव से पार पाने, असाध्य रोगों से बचाव का काम करता है।

इसमें बेहतर जीवन के माध्यम से एकजुट करने की शक्ति भी निहित है। यही कारण है कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'वसुधैव कुटुम्बकम्Ó के लिए योग रखी गई थी। कोरोना महामारी के दौरान और बाद में भी समग्र स्वास्थ्य की तलाश में योग ने दुनिया का ध्यान खींचा। दुनिया को यह समझ में आ गया कि योग करके वे अपने शरीर को सेहतमंद रख सकते हैं। अब लोगों ने योग के कल्याणकारी महत्व को समझ लिया है। नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब आंदोलन का रूप ले चुका है। विश्व में भारत बढ़ती स्वीकार्यता का उदाहरण है। हम सभी को योग करना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ रह सके। भारत की यह प्राचीन पद्धति दुनिया के लिए मिसाल बन चुकी है।