गुवाहाटी: भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग के परिसीमन मसौदे को वृहत्तर असमिया जाति के रक्षा-कवच करार दिया है। साथ ही भाजपा ने मसौदे का स्वागत किया है। इस सिलसिले में पार्टी के वशिष्ठ स्थित प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव, प्रवक्ता तथा सांसद पवित्र मार्घेरिटा ने आज मीडिया को बताया कि सदिया से धुबड़ी तक, बराक-ब्रह्मपुत्र दोनों घाटियों, कार्बी भूमि, बोड़ो भूमि समेत कर सभी इलाकों के मतदाताओं ने हर्षोल्लास के साथ इस मसौदे पर संतुष्टि जाहिर  की है। नए मसौदे से भूमिपुत्रों के राजनीतिक अधिकार सशक्त रूप से स्थापित होंगे। मसौदे के मुताबिक पूर्वत: अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 16 थीं, लेकिन मसौदे में इसकी संख्या बढ़ाकर 19 कर दी गई है। इसी तरह अनुसूचित जाति के आरक्षित सीटों की संख्या 8 से बढ़ाकर 9 कर दी गई है। वहीं, कार्बी आंग्लांग में पहले की 4 सीटों की संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई। ऊपरी असम के उत्तरी तट की जनता की लंबित मांगों पर समर्थन देते हुए आहोम, चुतीया संप्रदाय तथा साधारण जाति के लोगों को धेमाजी और लखीमपुर के रंगानदी और चिचिबरगांव विस क्षेत्र में चुनाव लडऩे के लिए राजनीतिक अधिकार प्रदान किए गए हैं। तिनसुकिया जिले में एक सीट बढ़ाने के साथ मरान, मटक लोगों के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्थ हुआ है। 2007 के मसौदे में ऊपरी असम में सीटों की संख्या घटी थी, लेकिन मौजूदा मसौदे में सीटों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ग्वालपाड़ा, बोको, दुधनै आदि क्षेत्र में लोग सुरक्षित महसूश कर मसौदे के समर्थन में राजमार्ग पर उत्सव का माहौल उत्पन्न किया है।