रूस में शनिवार को प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के बगावत के ऐलान के बाद हड़कंप मच गया था। लगा कि यूक्रेन और रूस की जंग में राष्ट्रपति पुतिन अपनी पकड़ खो देंगे, लेकिन देर रात उनके लिए राहत की खबर आई। पुतिन की सख्ती के आगे प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन झुक गए। बगावत के 12 घंटे के अंदर उन्होंने सरकार के साथ समझौता कर लिया। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर चीफ से बात की,उसके बाद येवगेनी के तेवर ढीले पड़ गए और मॉस्को पर हमला रोकने का फैसला किया। अब यह प्राइवेट आर्मी ने टैंकों का रास्ता मोड़ लिया है। क्रेमलिन ने साफ किया है कि येवगेनी प्रिगोजिन के खिलाफ विद्रोह के मामले में आरोप वापस लिए जाएंगे और उनके साथ शामिल होने वाले सैनिकों पर भी केस नहीं चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले शनिवार को खबर आई थी कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन मॉस्को छोड़कर जा चुके हैं। रूस में वैगनर ग्रुप के सशस्त्र विद्रोह के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ठिकाने को लेकर अटकलें चल रही हैं।
इंडिपेंडेंट रूसी मीडिया आउटलेट एजेंट स्टोवो ने कहा कि स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2 बजे पुतिन के विमान ने मॉस्को के एक हवाईअड्डे से उड़ान भरी जो कि उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि पुतिन प्लेन में थे या नहीं। पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने दावा किया कि पुतिन क्रेमलिन में ही हैं, वहीं, वैगनर आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने पहले कहा कि उनके 25,000 सैनिक मरने को तैयार हैं और वे रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए बढ़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वैगनर एक प्राइवेट मिलिट्री ग्रुप है। इसे ऑपरेट करने वाले लोगों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी सहयोगियों का हाथ बताया जाता है। यह ग्रुप रूसी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करता है। स्थिति विकट हो तो पुतिन के आदेश के तहत हर मोर्चे पर लडऩे को तैयार रहता है। कहा तो यह भी जाता है कि दुनिया भर में रूसी सरकार के अभियानों में गुप्त रूप से लड़ाई लडऩे वालों में वैगनर ग्रुप सबसे आगे है। इस ग्रुप में करीब 6,000 लड़ाके हैं। इनकी मौजूदगी यूरोप से लेकर लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य तक मानी जाती है। कहा यह भी जाता है कि अक्तूबर 2015 से लेकर 2018 तक वैगनर ग्रुप ने सीरिया में रूसी सेना और बशर-अल-असद की सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।
दूसरी ओर यह भी कहा गया था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की हत्या करने के लिए रूस ने 400 से अधिक विशेष लड़ाके भेजे हैं। ये लड़ाके वैगनर मिलिट्री ग्रुप के बताए गए थे। वैगनर ग्रुप पिछले कई सालों से अपने सैन्य और खुफिया ऑपरेशन्स को लेकर चर्चा में रहा है। एक बार फिर यह ग्रुप सुर्खियों में है, लेकिन इस बार उसने जंग छेड़ी है और वह भी अपनों के ही खिलाफ। परिणामत: यूक्रेन पर भारी पडऩे का दावा करते आ रहे रूस को अब उसके अपने घर में ही चुनौती मिलने लगी है। यह चुनौती किसी और ने नहीं बल्कि उसकी निजी मिलिशिया वैगनर ग्रुप ने खड़ी की है। कहा जा रहा है कि फिलहाल वैगनर ग्रुप और रूस की सेना के बीच तनाव चरम पर है। अब मामला यहां तक आ पहुंचा कि वैगनर ग्रुप ने रूसी सेना के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। वैगनर ग्रुुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने रूसी सेना से बदला लेने की बात तक कही थी। उल्लेखनीय है कि इस निजी सैन्य कंपनी का रूसी सेना के शीर्ष अधिकारियों से गतिरोध लंबे समय से चला आ रहा है। अब वैगनर ग्रुप का कहना है कि यूक्रेन में उसके ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमले के लिए क्रेमलिन जिम्मेदार है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भले ही वैगनर गुट फिलहाल मोर्चे से हट गया है, परंतु उसकी बगावत पुतिन के लिए किसी सदमे से कम नहीं है, अब देखना है कि पुतिन आगे बीच का रास्ता कैसे निकालते हैं।