बढ़ते तापमान और प्रदूषण जैसे कारणों  के लिए ग्लोबल वाॄमग को जिम्मेवार माना जा रहा है।  इसका प्रभाव ब्लू फूड यानी समुद्री भोजन में  शामिल 2190 से भी 'यादा मछलियों, शेल फिश, पौधे और ताजे पानी में पाली गई 540 से भी 'यादा प्रकार की नस्लों पर पड़ रहा है, इनसे दुनियाभर में &.2 अरब लोगों को भोजन मिलता है। पत्रिका नेचर सस्टेनेबिलिटी में छपे इस अध्ययन के मुताबिक इन खतरों के अनुकूल कदम उठाने की दिशा में पर्याप्त प्रगति नहीं हो रही है, परिणामत: आने वाले समय से दुनियां की बड़ी आबादी को भोजन के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

हालांकि हमने जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर थोड़ी तरक्की हासिल की है।  ब्लू फूड सिस्टमों को लेकर हमारी अनुकूलन रणनीतियां अभी ठीक से विकसित नहीं हुई हैं और उन पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस उद्योग में हो रहे अति-उत्पादन ने वेटलैंड ठौर-ठिकानों को नष्ट कर दिया है और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इसके अलावा और भी कारण हैं जो समुद्री भोजन की मात्रा और गुणवत्ता पर असर डाल रहे हैं, इनमें समुद्र का बढ़ता स्तर, बढ़ता तापमान, बारिश में बदलाव, कीटनाशकों और एंटीबायोटिक से प्रदूषण जैसे कारण शामिल हैं। दूसरी ओर  पर्यावरणीय बदलाव से भी ब्लू फूड के उत्पादन पर बहुत दबाव पड़ रहा है। चीन, जापान, भारत और वियतनाम में दुनिया के पूरे एक्वाकल्चर का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है और इस शोध में कहा गया है कि इन देशों की स्थिति को मजबूत बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए।

  समुद्री भोजन पर निर्भर रहने वाले छोटे द्वीप राष्ट्र इससे विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। प्रशांत महासागर में स्थित नाउरू समुद्र तल से धातुओं के खनन की गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, लेकिन पर्यावरणविदों का कहना है कि इससे समुद्री जीवन का भारी नुकसान हो सकता है। समुद्री भोजन की कटाई, प्रसंस्करण और उपभोग प्राचीन प्रथाएं हैं जिनके पुरातात्विक साक्ष्य पुरापाषाण काल के हैं । प्राचीन नील नदी मछलियों से भरी थी; ताजी और सूखी मछलियां अधिकांश आबादी का मुख्य भोजन थीं। दूसरी ओर कहा जाता है कि सीफूड  खाने से आपके स्वास्थ्य के कई पहलुओं को लाभ होता है। समुद्री भोजन  में वसा की मात्रा कम पाई जाती है, साथ ही प्रोटीन और ओमेगा -& फैटी एसिड, विटामिन ए और बी विटामिन सहित महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होते हैं।

  विशेष तौर पर ये आपके मस्तिष्क, आंखें और इम्यूनिटी के लिए बेस्ट होता है। कारण कि आपका शरीर अपने आप में ओमेगा -& का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए  स्वास्थ्य के लिए सीफूड को अपने आहार का हिस्सा बनाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपकी आंखों की रोशनी जाने का खतरा बढ़ता जाता है, लेकिन समुद्री भोजन में मौजूद पोषक तत्व आपकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि ओमेगा -& फैटी एसिड आपके आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही ये स्वास्थ्य के लिए और विटामिन ए लिए भी महत्वपूर्ण निभाता है। समुद्री भोजन आपके मस्तिष्क के लिए बेहद जरूरी तत्व होते हैं। समुद्री भोजन आपके मस्तिष्क के लिए बेहद जरूरी तत्व होते हैं, इसके सेवन से आपकी याददाश्त लंबी रहती है। 

साथ ही ओमेगा -& अल्जाइमर रोग के विकास को कम करने में मदद कर सकता है और जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, मानसिक गिरावट को रोक सकते हैं।  ये पोषक तत्व आपके शरीर को याददाश्त और भावनाओं को ठीक से नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। अगर आपकी त्वचा रूखी होने की संभावना है, तो सीफूड खाने से आपकी त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ग्लोबल वाॄमग की वजह से शी फूड प्रभावित हो रहा है, जिस पर दुनिया के तीस मिलियन से Óयादा लोग निर्भरशील है। ऐसे में इस समस्या पर दुनिया भर के शासनाध्यक्षों और पर्यावरणविदों को  विचार करने की जरूरत है।