इस वर्ष के अंत तक होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अभी से ही चुनावी मोड में आ गई है। सर्वप्रथम भाजपा ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब एवं झारखंड के प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया। पंजाब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की ताजपोशी के कई सियासी मायने हैं। जाखड़ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा जाखड़ के माध्यम से पंजाब में अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहती है। जाखड़ का कांग्रेस नेताओं के साथ भी अच्छे संबंध हैं, जिसका लाभ पार्टी को मिल सकता है। बाबूलाल मरांडी भाजपा के पुराने चेहरे हैं जिनका अनुभव पार्टी के लिए काम आ सकता है। तेलंगाना में पार्टी जी किशन रेड्डी को अध्यक्ष बनाकर सियासी जमीन को मजबूत करना चाहती है। इस वर्ष के अंत में तेलंगाना में भी चुनाव होने वाले हैं।
आंध्र प्रदेश में भाजपा ने एनटी रामाराव की बेटी डी. पुरंदेश्वरी को अध्यक्ष बनाकर दांव लगाया है। मालूम हो कि इस वर्ष के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी ने राजस्थान पर फोकस करते हुए प्रह्लाद जोशी को प्रभारी तथा गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को सह प्रभारी बनाया है। जोशी चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में माहिर माने जाते हैं। पटेल को सह प्रभावी बनाने का मतलब भाजपा की 50 प्रतिशत ओबीसी वोट बैंकों पर नजर है। पटेल को भी संगठन का काफी अनुभव है। बिश्नोई को सह प्रभारी बनाने से भाजपा को काफी फायदा मिलेगा। मध्य प्रदेश के लिए पार्टी हाईकमान ने भूपेंद्र यादव को प्रभारी तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया है। भूपेंद्र यादव को संगठन का अच्छा अनुभव भी है साथ में वे राजस्थान, गुजरात एवं झारखंड में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं।
वैष्णव का प्रशासनिक क्षेत्र में काफी अनुभव है जो पार्टी के लिए लाभदायक साबित होगा। पार्टी के अनुभवी नेता ओमप्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ का प्रभारी तथा केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को सह प्रभारी बनाया गया है। माथुर पिछले कई वर्षों से संगठन तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए हैं। वे पहले गुजरात और महाराष्ट्र के प्रभारी भी रह चुके हैं। दूसरी तरफ मंडाविया का सरकार और संगठन का अनुभव है। तेलंगाना के लिए पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को प्रभारी तथा महासचिव सुनील बंसल को सह प्रभारी बनाया है। जावड़ेकर भाजपा के तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, जिनका अनुभव भाजपा के काम आ सकता है। सुनील बंसल संगठन के विस्तार एवं मजबूत करने के काम में माहिर माने जाते हैं। वे पश्चिम बंगाल के प्रभारी भी रह चुके हैं। कुल मिलाकर भाजपा संगठन में जान फूंकने के साथ-साथ रणनीति बनाने में भी जुटी हुई है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में 10 नए लोगों को शामिल कर पार्टी ने सभी पक्षों को संतुष्ट करने का प्रयास किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में नए दलों को शामिल कर इस कुनबे का विस्तार करने की पहल चल रही है।
प्रधानमंत्री जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार करने वाले हैं, जिसमें कुछ ऐसे नए चेहरों को शामिल करने की तैयारी चल रही है जो राजग में शामिल हो चुके या होने वाले हैं। ऐसे नेताओं में एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान तथा अकाली दल के नेता के शामिल होने की खबर है। तेलगू देशम पार्टी के भी राजग में शामिल होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विपक्षी एकता की पहल को देखते हुए भाजपा भी अपने गठबंधन को मजबूत करने में लगी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी से ही विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ में जनसभाओं को संबोधित कर कई लाभकारी योजनाओं की घोषणा भी कर दी है। विभिन्न लाभकारी योजनाओं के साथ-साथ भाजपा समान नागरिक कानून लाने की पहल भी शुरू कर दी है, ताकि एक देश में रहने वाले सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। भाजपा की इस पहल से पार्टी को आगामी चुनावों में सियासी लाभ मिल सकता है।