इन दिनों मणिपुर की घटना को लेकर भारत देश- विदेश में शर्मसार है। दो महिलाओं को नंगा करके  घुमाने की घटना ने पूरी इंसानियत को हिलाकर रख दिया है। मणिपुर में जो कुछ भी हुआ इससे दुर्भाग्यपूर्ण घटना कुछ और नहीं हो सकती। ये सब सुनने और देखने के बाद ऐसा नहीं लगता कि कोई भी सामान्य व्यक्ति दुखी हुआ न हो। मणिपुर की घटना हमारे देश के इतिहास के लिए एक बड़ा धब्बा है। हमारे देश की पृष्ठभूमि, महिलाओं की सुरक्षा और उनके मान-सम्मान पर आधारित है। ये वो देश है जहां पर श्रीराम को आदर्श माना जाता है, इसी धरती पर भगवान कृृष्ण ने द्रौपदी को चीर हरण से बचाया, उसी देश में अब महिला को नंगा कर उसकी परेड कराई जाती है, एक महिला के साथ गैंगरेप भी किया गया। महिला का नग्न परेड हमारे देश की ऐसी सच्चाई दिखाता है, जिसे हम सुनना नहीं चाहते हैं, इसे कोई भी नहीं सुनना चाहता है लेकिन ये एक बड़ी सच्चाई है। इसी बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह का बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे केस हुए हैं, आप एक को पकड़ कर क्यों बैठ गए हैं? हैरानी इस बात को लेकर है कि राज्य के मुख्यमंत्री जो वहां का मुखिया है,उनकी तरफ से ऐसे बयान दिए गए हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि इस तरह के कई मामले वहां पर हुए हैं, इसकी शीर्ष स्तर जांच करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बयान आया है, जिसमें उन्होंने कड़े एक्शन की बात कही है। लेकिन ये सब तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन ये बात दो महीने के बाद निकलकर सामने आई है। इस बीच दो महीने में न जाने कितनी महिलाओं के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार हुआ होगा। समझने की बात है कि ऐसी हरकतें करने वालों की हिम्मत इसलिए भी हो रही है क्योंकि एक तो घटनाओं को दबा दिया जा रहा है। घटनाएं बाहर नहीं आ रही हैं। दूसरा ये कि इस तरह की घटना इतनी आम हो चुकी हैं कि हमें यह लग रहा है कि हमारे लिए सामान्य हो गया है। दुर्भाग्य की बात है कि नॉर्थ-ईस्ट सदैव भारत सरकार की नजर से ओझल और उपेक्षित रहा है और उस उपेक्षा के कारण ही दो महीने से चल रही हिंसा को सामान्य करने की कोशिश नहीं की गई। इसके लिए थोड़ा राष्ट्रीय मीडिया भी दोषी है, पूर्वोत्तर की खबरें जगह नहीं पाती हैं। नार्थइस्ट भारत का अभिन्न अंग है। हम सब भाई-बहन हैं और हमारे देश का अभिन्न अंग है, यह हमें समझने की जरूरत है। इस घटना के लिए  देश का हरेक नागरिक जिम्मेदार है, जो इस घटना को मूक दर्शक होकर देख रहे हैं वो भी जिम्मेदार हैं। इसके लिए किसी एक को कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता। मणिपुर  के  सीएम ने खुद बोला कि ऐसी तो बहुत सी घटनाएं हो रही हैं। पता नहीं एक सीएम को ऐसा कुछ बोलने की हिम्मत कैसे हो जाती है।

ये सुनकर दुख हो रहा है, लेकिन पता नहीं क्या-क्या हुआ होगा, जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। ऐसी घटनाओं को सही तरीके से पता लगाने के लिए कमेटी बिठाई जानी चाहिए। स्पेशल टास्ट फोर्स को वहां पर भेजा जाना चाहिए। इसके साथ ही हमारी सरकार और अथॉरिटी का सारा ध्यान मणिपुर पर ही फोकस करना चाहिए। पीएम मोदी ने भले ही कहा हो कि उन्हें इस घटना दुख हुआ और दोषियों पर कार्रवाई होगी, लेकिन उनकी सरकार है, उनका सारा तंत्र है, लेकिन देश में क्या कुछ हो रहा है ये उन्हें 2 महीने के बाद पता चल रहा है। ये बात उन तक पहले ही पहुंचनी चाहिए थी और इस पर पहले ही संज्ञान लिया जाना चाहिए था। इतनी बड़ी गंभीर घटना पर सीएम का इस्तीफा तो महज छोटी घटना है, उनके खिलाफ मामला चलना चाहिए, दूसरी ओर जितने कसूरवार लोग हैं, एक-एक कर चेहरे को पहचान कर सबकी गिरफ्तारी और कड़ी सजा होनी चाहिए। सरकार मणिपुर मामले में पूरी तरह से विफल रही है, इसमें  कोई संदेह नहीं है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मणिपुर की घटना की निष्पक्ष जांच हो और कार्रवाई भी निष्पक्षतापूर्वक हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। प्रधानमंत्री मोदी सदैव एक भारत-श्रेष्ठ भारत पर जोर देते हैं, यह अच्छी बात है। यदि हम सब भारतीय इस पर सही भावना से अमल करें तो ऐसी समस्याओं को जड़-मूल से समाप्त करने में मदद मिलेगी।