विपक्ष द्वारा लोकसभा में नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ 8 अगस्त को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से 10 अगस्त को गिर गया। विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन ने इसे ध्वनि मत से नामंजूर कर दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव का गिरना पहले से ही तय था क्योंकि 543 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा गठबंधन के पास 331 सदस्य हैं। इसके अलावा बीजू जनता दल एवं वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का समर्थन भी सरकार के साथ है। विपक्ष ने यह अविश्वास प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर बोलने के लिए बाध्य करने हेतु लाया गया था। विपक्ष का कहना था कि उन लोगों के पास अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का शायद यह अंतिम अविश्वास प्रस्ताव था। तीन दिन तक चली बहस के दौरान विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सरकार को घेरने तथा अन्य क्षेत्रों में सरकार की विफलता को जोरदार तरीके से उजागर किया। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने तो मणिपुर के मामले में सरकार की विफलता को उजागर करते हुए भारत माता के हत्यारे तक की संज्ञा दे दी। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री पर तीखे हमले किये। सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष पर करारा हमला किया तथा मोदी सरकार की लाभकारी नीतियों को उजागर किया। 9 अगस्त को राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तीखी झड़प भी हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार की नीतियों को जनप्रिय बताया तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार 2024 में पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़कर भारी बहुमत से सत्ता में आएगी। उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष को वर्ष 2028 में भी इसी तरह का अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी करनी होगी। शुरुआती दौर में संसद का बहिष्कार करने के लिए प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया तथा कहा कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार को अपनी बात कहने का मौका दे दिया है। उन्होंने कहा कि अगले कार्यकाल के दौरान भारत को विश्व की तीसरी अर्थ-व्यवस्था की श्रेणी में लाना हमारी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कार्यक्रम में रिकॉर्ड संख्या में युवक हिस्सा ले रहे हैं तथा देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार स्थिति से कड़ाई से निपट रही है। जल्द ही मणिपुर विकास के मार्ग पर तेजी से अग्रसर होगा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक-एक कर सभी विपक्षी दलों पर तीखे हमले किए। मालूम हो कि 26 दलों का विपक्षी गठबंधन इस बार एकजुट होकर सरकार को घेरने का भरसक प्रयास किया था। लेकिन प्रधानमंत्री ने विपक्ष के मंसूबों को विफल कर दिया।