राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर की जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा उठाये गए कदमों का समर्थन किया है। आरएसएस मुख्यालय, नागपुर में विजयादशमी के दिन आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। उनका कहना था कि मणिपुर में मैतेई एवं कुकी समुदाय के लोग वर्षों से रह रहे हैं, किंतु उनके बीच इस तरह की घटना नहीं हुई थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बाहरी ताकतें अपने स्वार्थ के लिए अलगाववादी तत्वों को बढ़ावा देकर आंतरिक संघर्ष करवा रही है। इसके प्रति सरकार एवं जनता को जागरूक होना होगा। मोहन भागवत ने आरोप लगाया कि देश में मौजूद तथाकथित सांस्कृृतिक माक्र्सवादी एवं जागरूक तत्व देश की शिक्षा एवं संस्कृति को बर्बाद करने के लिए अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं।

मालूम हो कि मणिपुर हिंसा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर में जमे हुए थे। जब भी स्थिति सामान्य होने लगती है उस वक्त कोई न कोई बड़ी घटनाएं हो जाती हैं। भागवत ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले लोगों की भावनाएं भड़का कर वोट हासिल करने की साजिश चल रही है। उन्होंने देशवासियों से आह्वान कि वे देश की एकता, अखंडता, पहचान एवं विकास को ध्यान में रखते हुए मतदान करें। उन्होंने ये भी कहा कि देश में एकता एवं अखंडता को चुनौती देने के लिए कुछ तत्व हिंसा भड़काने और समुदायों के बीच अविश्वास एवं नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने एक तरह से कुछ विपक्षी पाॢटयों के एजेंडे पर प्रहार किया है जो जाति एवं धर्म के आधार पर चुनाव जीतना चाहते हैं। उनका कहना है कि ये तत्व देश की समस्याओं को दूसरी तरफ मोड़ कर अपने भ्रष्टाचार को ढकना चाहते हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान नेतृत्व ने भारत को वैश्विक मंच पर शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में मजबूती से स्थापित करने का सराहनीय काम किया है।

रूस-यूक्रेन तथा इजरायल-हमास युद्ध को लेकर दुनिया में बढ़ रहे टकराव को लेकर उन्होंने भारत को भी सावधान किया। मोहन भागवत ने भाजपा को भी आईना दिखाते हुए कहा कि चुनावों में पार्टी को क्षेत्रीय नेताओं की सलाह एवं महत्ता को भी तरजीह देनी चाहिए। भाजपा के चुनावी दंगल में आरएसएस के कार्यकर्ता हमेशा सहायता एवं समर्थन करते रहते हैं। भाजपा और आरएसएस के बीच पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर मंथन चलता रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दिल्ली के द्वारिका में आयोजित रावण वध कार्यक्रम के दौरान जातिवाद एवं क्षेत्रवाद की मुहिम पर प्रहार करते हुए विपक्षी पाॢटयों को निशाने पर लिया। मोहन भागवत एवं प्रधानमंत्री मोदी दोनों के कार्यक्रम में विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के प्रचार की झलक देखी गई। दोनों नेताओं के बयान से स्पष्ट है कि भाजपा आगामी चुनावों में जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं छद्म धर्मनिरपेक्षता पर करारा प्रहार करेगी।