पूर्वांचल प्रहरी संवाददाता

दक्षिण शालमारा-मानकाचर जिले के सदर हाटशिंगिमारी के पानबाड़ी स्थि महकमा सिविल अस्पताल में बिजली गुल होने से मोमबत्ती व मोबाइल फोन के टॉर्च जलाकर रोगियों को इलाज करने की नौबत आ रही है। इससे रोगियों के साथ रोगियों के अभिभावकों में कड़ी प्रतिक्रिया है। अस्पताल के जेनरेटर खराब पड़े रहने के बिजली चली जाने से रोगी तथा चिकित्स-नर्सों में हाहाकार मच जाता है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक-नर्सों को मोमबत्ती या मोबाइल फोन के टॉर्च से काम चलाना पड़ता है। इस बात से स्थानीय लोगों के साथ रोगियों के अभिभावक काफी चिंतित है। दक्षिण शालमारा-मानकाचर जिले में विद्युत सेवा की दयनीय स्थिति के कारण आम लोगों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती रोगियों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। रोगियों के अभिभावकों ने अस्पताल प्राधिकरण की ओर से जेनरेटर की मरम्मत नहीं किए जाने के पीछे रहस्य छीपे रहने का आरोप लगाया है। रात होते ही रोगियों के साथ नर्स और महिला कर्मचारियों के मन में अनजान आशंका घर कर लेती है। उन्हें बिजली की आंख-मिचौनी के डर रहता है। रोगियों के अभिभावकों को तपती गर्मी में अपने-अपने रोगियों को हाथ पंखा से हवा देना पड़ता है और रौशनी के लिए मोमबत्ती या मोबाइल फोन के टॉर्च जलाना पड़ता है। उधर लगभग ढाई सालों से बिना जेनरेटर से अस्पताल की सेवा जारी रहना काफी चिंताजनक है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जेनरेटर नहीं होने के कारण आपातकालीन सेवा के दौरान चिकित्सक-नर्सों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कभी मरीज की जान भी चली जाना असंभव नहीं है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का ध्यानाकर्षण करते हुए अस्पताल के जेनरेटर तत्काल ठीक करवाने की मांग की है।