लंदन जा रही थी फ्लाइट, 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात
पुर्तगाली, एक कनाडाई और 12 क्रू मेंबर्स थे सवार, एक बचा
अहमदाबाद : लंदन जा रहा एयर इंडिया का एक विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यहां एक आवासीय इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे। अब तक हादसे में केवल एक यात्री के जिंदा बचने की खबरें आई हैं। बाकी सभी लोगों की मौत हो गई है। विमान बृहस्पतिवार दोपहर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट मेघाणी नगर में शहर के सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अनौपचारिक रिपोर्टों में कहा गया है कि विमान में सवार लोगों के जीवित बचे होने की संभावना बहुत कम है और मेडिकल अहमदाबाद में प्लेन क्रैश, 241 की मौत कॉलेज परिसर में भी करीब 25 लोगों की मौत हुई होगी। एयर इंडिया के अनुसार, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे। अहमदाबाद में हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने बताया कि विमान के पायलट ने अपराह्न 1.39 बजे उड़ान भरने के तुरंत बाद मेडे (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, जो पूर्ण आपात स्थिति का संकेत था। विमान के 'ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की भी तलाश जारी है, ताकि यह पता चल सके कि अंतिम क्षणों में क्या हुआ था। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान को उड़ान भरने के तुरंत बाद एकदम तेजी से नीचे आया और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनास्थल पर काले धुएं का गुबार उठता देखा गया। यह विमान 11 साल पुराना था। लंबी यात्रा के लिए ईंधन टंकी पूरी तरह से भरी रहने का उल्लेख करते हुए विमानन विशेषज्ञों ने बताया कि विमान नीचे गिरने से पहले महज 600 से 800 फुट की ऊंचाई पर गया था। उन्होंने कहा कि उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार, दोनों इंजन का पूरी क्षमता से काम न करना या पक्षी का टकराना दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकता है। टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में देखा जा सकता है कि विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद नीचे की ओर आया, जबकि उसका लैंडिंग गियर (पहिया) अब भी बाहर निकला हुआ था। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक बयान के अनुसार, विमान ने अहमदाबाद से अपराह्न 1.39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी। इसने एटीसी (हवाई यातायात नियंत्रण) को 'मेडेÓ (आपातकालीन संदेश देने के लिए) कॉल किया, लेकिन उसके बाद एटीसी द्वारा की गई कॉल का विमान से कोई जवाब नहीं मिला। बचावकर्मियों ने मलबे में, जीवित बचे लोगों को खोजने और घायलों को बाहर निकालने के लिए काफी जद्दोजहद की, जिनमें से कई गंभीर रूप से झुलसे हुए थे। दुर्घटनास्थल के वीडियो में झुलसे हुए शवों को बाहर निकालते हुए तथा घायलों को, जिनमें से कई झुलसे हुए थे, नजदीक स्थित सिविल अस्पताल ले जाते देखा जा सकता है। अहमदाबाद में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इसमें लगी आग इतनी भीषण थी कि उसकी वजह से कई बहुमंजिला इमारतें बुरी तरह से प्रभावित हुईं, पेड़ झुलस गए और कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। एक वीडियो में विमान का पिछला हिस्सा इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल से टकराता हुआ देखा जा सकता है, जो नर्सों और चिकित्सकों के छात्रावास का भोजन कक्ष प्रतीत हो रहा है। यह बोइंग ड्रीमलाइनर से जुड़ी पहली दुर्घटना है, जिसे इसकी उन्नत विशेषताओं के लिए जाना जाता है। वहीं, यह 2020 के बाद से भारत की दूसरी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना है, जब एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान केरल के कोझीकोड में उतरते समय गीले रनवे से फिसल गया और उसके दो टुकड़े हो गये थे। विमान में सवार 190 लोगों में से दो पायलट सहित 21 लोगों की जान चली गई थी। अहमदाबाद में हवाई अड्डे पर उड़ानों का परिचालन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था, जिसे शाम में बहाल कर दिया गया। इस दुर्घटना को लेकर देश-विदेश के नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों तथा अन्य ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में राष्ट्र उनके साथ खड़ा है। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने कहा कि वह और उनकी पत्नी रानी कैमिला अहमदाबाद में हुई भयावह दुर्घटना से स्तब्ध हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि कई ब्रिटिश नागरिकों को लेकर लंदन आ रहे विमान के अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने के दृश्य भयावह हैं। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्थिति का जायजा लेने के लिए अहमदाबाद पहुंच गए हैं। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने विमान दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और सभी विमानन और आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों को त्वरित और समन्वित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। नायडू ने कहा कि डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एअर इंडिया, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और स्थानीय प्रशासन की टीमें पीड़ितों और उनके परिजनों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। उन्होंने 'एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैंने अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल का दौरा किया, (और) मैंने जो देखा वह बेहद दुखद है। मैं मौके पर हूं और बचाव और राहत प्रयासों की बारीकी से समीक्षा कर रहा हूं। डीजीसीए ने एक बयान में बताया कि उड़ान की कमान कैप्टन सुमित सभरवाल के हाथों में थी। उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी थे। सभरवाल के पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था। प्रत्यक्षदर्शी हरेश शाह ने बताया कि विमान बहुत नीचे उड़ रहा था और यह सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टर से टकरा गया। उन्होंने कहा कि वहां कई पांच मंजिला इमारतें हैं, जो चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के आवासीय क्वार्टर हैं।(भाषा)
हादसे से पहले पायलट ने भेजा था...
कॉल का पायलट द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। डीजीसी के मुताबिक विमान रनवे 23 से उड़ान भरने के तुरंत बाद हवाई अड्डे की परिधि के बाहर जमीन पर गिर गया। उसने कहा कि दुर्घटना स्थल से भारी काला धुआं निकलता देखा गया। बोइंग विमान, जिसे तेजी से नीचे आता देखा जा सकता था, हवाई अड्डे के पास मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दूसरी ओर अहमदाबाद शहर में बृहस्पतिवार को एयर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए परीक्षण किया जाएगा। गुजरात स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। (भाषा)
एएआईबी विमान दुर्घटना की करेगा जांच
कहा कि हमें शुरुआती रिपोर्टों की जानकारी है और हम अधिक जानकारी जुटाने के लिए काम कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने विमान दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। नायडू ने कहा कि हम उच्चतम स्तर की सतर्कता बरत रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और सभी विमानन और आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों को त्वरित और समन्वित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
चमत्कार! विमान हादसे में...
लाशें बिखरी पड़ी थीं। मैं डर गया। मैं खड़ा हुआ और भागा। मेरे चारों तरफ विमान के टुकड़े बिखरे पड़े थे। उड़ान भरने के तीस सेकेंड बाद तेज आवाज हुई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह सब बहुत जल्दी हुआ। विश्वास के सीने, आंखों और पैरों पर चोट आई है और उनका इलाज चल रहा है। विश्वास कुमार एक ब्रिटिश नागरिक हैं और कुछ दिनों के लिए अपने परिवार से मिलने भारत आए थे। वह अपने भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ वापस लंदन जाने के लिए प्लेन में सवार थे। विश्वास के पास से बोर्डिंग पास भी मिला है। उन्होंने कहा कि वह 20 साल से लंदन में रह रहे हैं और उनकी पत्नी और बच्चा भी लंदन में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके भाई अजय के साथ विमान में अलग पंक्ति में बैठे थे। उन्होंने कहा कि हम दीव गए थे। वह मेरे साथ यात्रा कर रहे थे और अब मैं उन्हें नहीं ढूंढ़ पा रहा हूं। कृपया उन्हें ढूंढ़ने में मेरी मदद करें। विमान हादसे में घायल हुए लोगों को शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
विमान हादसे में मणिपुर की ...
कारण चालक दल के दोनों सदस्यों के परिवार कांगपोकपी जिले में रहते हैं। दोनों परिवारों ने बताया कि विमान के उड़ान भरने से करीब एक घंटे पहले बेटी ने घर पर फोन किया था। लमनुनथीएम सिंगचोंग ने 2023 में एयर इंडिया में ज्वाइन की थी। लमनुनथीएम कुकी समुदाय से और नंथाई शर्मा मैते समुदाय से हैं। दुर्घटना की खबर मिलने के बाद स्थानीय विधायक सूरज कुमार ओकराम दोनों परिवारों के पास पहुंचे। हालांकि, दोनों परिवार अभी भी अपनी बेटी की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान में 230 यात्री, 2 पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सवार थे। एक यात्री को छोड़कर सभी की मौत हो गई।
राजस्थान के 11 लोगों की मौत
में मामत पसर गया है। सीएम भजनलाल शर्मा ने परिजनों से बात कर उन्हें ढांढस बधाया है। जानकारी के अुनसार, भीषण हादसे का शिकार हुए एयर इंडिया के विमान से बांसवाड़ा की रातीतलाई कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर जेपी जोशी के बेटे प्रतीक, बहू डॉ. कौमी और तीन बच्चे मिराया, नकुल और प्रद्युत लंदन जा रहे थे। हादसे में दंपति का परिवार खत्म हो गया। वहीं उदयपुर के मावली में रहने वाले प्रकाश मेनारिया (48) और वर्दी चंद पुत्र नारायण लाल (54) भी फ्लाइट में सवार थे। दोनों पेशे से शेफ थे और साथ में यात्रा कर रहे थे। इसके अलावा उदयपुर के सहेली नगर में रहने वाले मार्बल कारोबारी संजीव मोदी के बेटे शुभ मोदी (25) और बेटी शगुन मोदी (22) भी इसी फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे। दोनों भाई बहन लंदन घूमने जा रहे थे। दोनों ने एमबीए किया था और अपने पिता का बिजनेस संभाल रहे थे। हादसे में सभी की मौत हो गई। बालोतरा की रहने वाली खुशबू राजपूतोहित भी सवार थी। जनवरी 2025 में खुशबू की शादी मनफूल सिंह निवासी खाराबेरा लूणी जोधपुर के साथ हुई थी। बुधवार को गांव से पिता मदनसिंह और चचेरे भाई खुशबू को अहमदाबाद एयरपोर्ट छोड़ने के लिए आए थे। वापस लौटते समय उन्हें हादसे की जानकारी मिली। एयर इंडिया के क्रैश हुए प्लने में बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक किशनाराम नाई के दोहिता अभिनव परिहार भी सफर कर रहे थे। अभिनव लंदन में बिजनेस करते थे। हादसे में उनकी भी मौत हो गई है। (एजेंसी)
प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. सोनल...
एक भव्य समारोह में सरकार और लोगों की ओर से विनम्र सम्मान के रूप में प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह को 2023 वर्ष का श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार प्रदान किया। गौरतलब है कि वर्ष 1986 में स्थापित यह पुरस्कार महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के पवित्र नाम पर पत्रकारिता, कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। पुरस्कार के तहत एक प्रशस्ति पत्र, एक स्वर्ण पदक, अंगवस्त्र और 5 लाख रुपए नकद दिए जाते हैं। डॉ. सोनल मानसिंह को पुरस्कार प्रदान करते हुए राज्यपाल ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य, सांस्कृतिक वकालत और सामाजिक सुधार के लिए उनके आजीवन समर्पण को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तित्व के लिए एक श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय विरासत की भावना को बनाए रखने और आधुनिक बनाने में उनकी अथक सेवा की मान्यता है। भरतनाट्यम और ओडिसी की एक प्रमुख हस्ती डॉ. मानसिंह ने प्रदर्शन, शिक्षा और नीति निर्माण के माध्यम से भारतीय परंपराओं को आगे बढ़ाने में दशरकों बिताए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने डॉ. सोनल मानसिंह को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में एक महान हस्ती डॉ. सोनल मानसिंह को प्रतिष्ठित श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार 2023 प्रदान करना असम के लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए उनके अद्वितीय समर्पण ने हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है और सांस्कृतिक राजदूत के रूप में उनका योगदान वास्तव में सराहनीय है। डॉ. शर्मा ने कहा कि विश्व स्तर पर प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह कई दशकों से भारत की एक प्रतिष्ठित सांस्कृतिक प्रतीक हैं। उन्होंने कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पेशेवर यात्रा में कई सामाजिक और पेशेवर चुनौतियों को पार किया। डॉ.मानसिंह ने सामाजिक अन्याय, महिला संवर्धन और पारिस्थितिक असंतुलन को संबोधित करते हुए शास्त्रीय नृत्य का बीड़ा उठाया। डॉ. शर्मा ने कहा कि अपने समर्पण और कड़ी मेहनत को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए डॉ. मानसिंह ने युवा भारतीय प्रतिभाओं को विभिन्न शास्त्रीय नृत्य रूपों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय शास्त्रीय नृत्य केंद्र की स्थापना की। देश की आध्यात्मिक प्रतिभा को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश के आध्यात्मिक और सामाजिक सुधार के लिए छठी से नौवीं शताब्दी तक भक्ति आंदोलन चलाया गया था। असम में भी महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव ने सभी जाति, समुदाय, भाषा आदि के लोगों के बीच सद्भाव और एकता को मजबूत करने के लिए एक सरन नान धर्म की शुरुआत की। उन्होंने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के गुणों की चर्चा के लिए एक मंच बनाने के लिए नाम घर की स्थापना की। श्रीमंत शंकरदेव को नमन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव एक उदार चरित्र के थे जो वैश्विक समुदाय से संबंधित थे। उनकी शिक्षाओं ने सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश फैलाने के लिए सभी सीमाओं को पार कर लिया। श्रीमंत शंकरदेव के सम्मान के प्रतीक के रूप में असम सरकार उनके जन्म स्थान बटद्रवा में 200 करोड़ रुपए की लागत से शंकरदेव सांस्कृतिक परिसर का निर्माण कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव की रचनाओं पर अध्ययन शुरू करने के लिए, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय में शंकरदेव के नाम पर पीठ स्थापित की गई है। इसके अलावा, तेजपुर विश्वविद्यालय में भी श्रीमंत शंकरदेव के नाम पर एक और पीठ स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बटद्रवा से कूच बिहार तक 21 महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करते हुए एक धार्मिक पर्यटक सर्किट विकसित करने के लिए कदम उठाए हैं जहां महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव ने अपने जीवनकाल के दौरान दौरा किया था। ये स्थान हैं बरदोवा, आलीपुखुरी, चिंगारी, रौता, गंगमौ, घिलाधरी, भलुकागुड़ी, मालोवाल, धुवाहाटा-बेलागुड़ी, कपोला, सुनपोरा, गणककुची, कुमारकुची, पाटबाउसी, तांतीकुची, मधुपुर, कूचबिहार, भेला, काकोटकुटा, चिलाराय गृह (फुलबारी) और रामरायकुथी सत्र। डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र ने शंकरदेव के जीवन और कार्यों पर एक बहुभाषी पुस्तक प्रकाशित करने की पहल शुरू की है। पुस्तक का असमिया, अंग्रेजी, हिंदी, बोडो, राभा, तिवा, देउरी, कार्बी, नेपाली, मिसिंग, डिमासा आदि भाषा में भी अनुवाद किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव को इसके समग्र विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सोनल मानसिंह जैसे व्यक्तित्व को प्रदान किया गया पुरस्कार आने वाली पीढ़ियों को श्रीमंत शंकरदेव की समृद्ध विरासत और उनकी भक्ति, करुणा और समावेशिता के बारे में जानने के लिए प्रेरित करने में मदद करेगा, जो कला और आध्यात्मिकता के माध्यम से लोगों को एकजुट करते हुए समय और स्थान से परे है। इस अवसर पर डॉ. सोनल मानसिंह ने भी प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए उन्हें चुनने के लिए आभार व्यक्त किया। असम और वैष्णव दर्शन के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा श्रीमंत शंकरदेव की समृद्ध शिक्षाओं से प्रभावित रही हैं।
विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री...
संख्या एआई 171) में कुल मिलाकर 230 यात्री सवार थे। इस फ्लाइट में सवार यात्रियों की सूची में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी का भी नाम है। यात्रियों की लिस्ट में विजय रुपाणी का नाम 12वें नंबर पर अंकित है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट की पैसेंजर लिस्ट में विजय रुपाणी का नाम सीट नंबर 2डी पर दर्ज है। पुलिस अधिकारियों ने विजय रुपाणी के निधन की पुष्टि कर दी है। विजय भाई रमणिकलाल रुपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यामां में हुआ था। 2016 में जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया, तब विजय रुपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। अगले साल 2017 में जब भाजपा ने गुजरात में चुनाव जीता तो विजय रुपाणी को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्हें शांत छवि वाला नेता माना जाता है। वर्ष 2016 से 2021 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री रहे रुपाणी का सियासी करियर काफी लंबा रहा है। गुजरात में मुख्यमंत्री बनने से पहले रुपाणी जुलाई, 2006 से 2012 के बीच राज्यसभा सदस्य रहे। साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और देश के प्रधानमंत्री बने। गुजरात में उनकी जगह आनंदीबेन पटेल ने ली। इसके लगभग दो साल बाद अगस्त, 2016 में आनंदीबेन पटेल की जगह विजय रुपाणी राज्य के मुख्यमंत्री बने। 2017 के विधानसभा चुनाव भाजपा ने रुपाणी के चेहरे पर लड़ा और जीतकर एक बार फिर से सत्ता में वापसी की। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद विजय रुपाणी ने दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अपने दो कार्यकाल में कुल पांच साल 37 दिन तक इस पद पर रहे। (एजेंसी)