धुबड़ी में देखते ही गोली मारने का आदेश सही


डिब्रूगढ़ : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने रविवार को धुबड़ी में जारी किए गए देखते ही गोली मारने के आदेश का बचाव करते हुए दावा किया कि आजादी के बाद से राज्य के खिलाफ एक 'बड़ी साजिश चल रही है और ऐसी साजिशों को खत्म करने में समय लगेगा। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने धुबड़ी शहर में सांप्रदायिक तनाव को नियंत्रित करने के लिए देखते ही गोली मारने के आदेश जारी करने पर सरकार की आलोचना की है। मुख्यमंत्री ने एक आधिकारिक समारोह के बाद संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने धुबड़ी शहर में दीवारों पर आपत्तिजनक सामग्री लिखने के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कार्रवाई की है। असम एक महत्वपूर्ण राज्य है। मेरे चेतावनी जारी करने मात्र से लोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होना बंद नहीं करेंगे। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसकी जड़ें आजादी के समय तक जाती हैं। शर्मा ने कड़े आदेश के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसलिए, यह सिर्फ चेतावनी से खत्म नहीं होगा। यह इतना आसान नहीं है। इसके लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है और हमें इस पर काम करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने शनिवार को कहा था कि धुबड़ी में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यहां सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया था। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के आदेश की आलोचना की थी और कहा था कि कथित 'बीफÓ फेंकने के बाद हुई झड़प भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की खुफिया विफलता को उजागर करती है। कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने कहा कि यह पूरा प्रकरण गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है। कोई खुफिया जानकारी क्यों नहीं थी? सरकार हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) असम के हर गांव में अपनी पैठ बढ़ा रहा है और समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने की कोशिश कर रहा है। गोगोई ने कहा कि वे सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। मैं असम पुलिस से अनुरोध करता हूं कि वह उन पर अंकुश लगाए और आने वाले दिनों में किसी भी तनाव से बचने के लिए उन्हें पुलिस थानों में पंजीकरण कराने के लिए कहें। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि जमीन पर ऐसी कोई स्थिति नहीं थी, जिसके लिए देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश चुनिंदा रूप से एक खास समुदाय को निशाना बनाकर दिया गया है। रायजोर दल के कार्यकारी अध्यक्ष भास्को डी सैकिया ने कहा कि राज्य सरकार धुबरी में सांप्रदायिक तनाव को रोकने और असली दोषियों की पहचान करने में विफल रही है। धुबड़ी शहर में कानून और व्यवस्था की स्थिति आठ जून को एक मंदिर के पास मांस के टुकड़े पाए जाने के बाद बिगड़ गई। शर्मा ने कहा था कि एक दिन पहले ईद के दौरान कई स्थानों पर कथित तौर पर मवेशियों का अवैध रूप से वध किया गया था और मांस के कुछ हिस्सों को असम में कई स्थानों पर फेंक दिया गया था। (भाषा)
 
सीएम ने डिब्रूगढ़ में केंद्रीय सामुदायिक...

भोजन सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। साथ ही बाल कुपोषण को खत्म करने और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है।  इस पहल से रोजगार के अवसर पैदा होने, खाद्य नियोजन और प्रबंधन में कौशल बढ़ाने और समुदाय के बीच खाद्य सुरक्षा और पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने की भी उम्मीद है। इस अवसर पर असम के मंत्री डॉ. रानोज पेगु, बिमल बोरा, प्रशांत फुकन, जोगेन मोहन, विधायक चक्रधर गोगोई, बिनोद हजारिका, तरंगा गोगोई, एएसटीडीसी के अध्यक्ष रितुपर्ण बरुवा, हरे कृष्ण आंदोलन, गुवाहाटी के अध्यक्ष और अक्षय पात्र फाउंडेशन, पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख श्रीजनार्दन दास और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर आयोजित सभा मे जनसमूह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिड डे मील बनाने के विद्यालय में रखे गये महिला कर्मियों की नौकरी नहीं जाएगी। बल्कि उन्हें आराम ही मिलेगा। उन्हें सिर्फ केंद्रीय रसोईघर से आए खाने को विद्यार्थियों में वितरित करना होगा। उन्हें हर महीने वेतन पहले की तरह ही मिलेगा। हो सकता है कि आने वाले महीनों में राज्य सरकार उनके वेतन में इजाफा करे। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि यह प्रकल्प असम सरकार व अक्षय पात्र फाउंडेशन का संयुक्त प्रयास है। जिससे डिब्रूगढ़ जिले के सातों विधानसभा क्षेत्र के लगभग एक लाख विद्यार्थियों को भोजन मिलेगा। यदि आम जनता में  कोई व्यक्ति चाहता है उनके जीवन के विशेष दिन पर बच्चों को एक मिठाई मिले तो वह के केंद्रीय रसोईघर में संपर्क कर बच्चों को मिठाई या उसकी लागत दे सकता है। इस तरह आप अपनी खुशियां बच्चों के साथ बंट सकते है।  मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए जाना जाता है।