जिस तरह भारतीय इतिहास विश्व के सबसे प्राचीन इतिहासों में से एक है। उसी तरह यहां मौजूद इतिहास की विरासतें भी काफी प्राचीन हैं। इन विरासतों में से एक है सांची स्तूप, जो एक बौद्ध स्मारक हैं। यह तीसरी शताब्दी ई.पू. से 12वीं शताब्दी के बीच के हैं। यह स्तूप भोपाल शहर से लगभग 46 किमी दूर सांची गांव में स्थित है। यहां पर 3 स्तूप हैं और ये देश के सर्वाधिक संरक्षित स्तूपों में से एक हैं। इस ऐतिहासिक स्तूप का निर्माण मौर्य साम्राज्य के प्रसिद्ध शासक अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ई.पू. में किया गया था। इसके केंद्र में एक अर्धगोलाकार ईंट निर्मित ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे थे। इसके शिखर पर स्मारक को दिए गए ऊंचे सम्मान का प्रतीक रूपी एक छत्र था। इसका निर्माण कार्य सम्राट अशोक की पत्नी महादेवी सक्यकुमारी को सौंपा था। जो विदिशा के व्यापारी की ही बेटी थी। सांची उनका जन्मस्थान और उनके और सम्राट अशोक के विवाह का स्थान भी था। यह प्रेम, शांति, विश्वास और साहस के प्रतीक हैं। इस स्तूप को पहले ईंटो से बनवाया गया था, जिसे शुंग काल के दौरान पत्थरो से ढंक दिया गया। इस स्तूप में तोरण द्वारो और कटघरों का निर्माण सातवाहन काल में किया गया था, जिन्हें सुंदर रंगो से रंगा गया था। माना जाता है की द्वार पर बनाई गई कलाकृतियां और द्वारों के आकार को सातवाहन राजा सातकर्णी ने ही निर्धारित किया था। इसकी ऊंचाई लगभग 21.6 मीटर है और इसका व्यास 36.5 मीटर है। सांची के स्तूपों का निर्माण कई कालखंडों में हुआ जिसे ईसा पूर्व तीसरी सदी से बारहवीं सदी के मध्य में माना गया है। ईसा पूर्व 483 में जब गौतम बुद्ध ने देह त्याग किया तो उनके शरीर के अवशेषों पर अधिकार के लिए उनके अनुयायी राजा आपस में लड़ने-झगड़ने लगे। अंत में एक बौद्ध संत ने समझा-बुझाकर उनके शरीर के अवशेषों के हिस्सों को उनमें वितरित कर समाधान किया। सांची में मौजूद स्तूप भारत में सबसे पुरानी पत्थर की संरचना है, जिसका निर्माण तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक मोर्य ने कराया था। इन स्तूपों की खोज वर्ष 1818 में एक ब्रिटिश अधिकारी जनरल टेलर ने की थी। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन मार्शल को इसके पुनर्निर्माण का कार्यभार सौंपा था। वर्ष 1912 1919 तक इस स्तूप की संरचना कर इसे पुनः खड़ा किया गया। यह स्तूप भारत के सबसे बड़े स्तूपों में से एक है। सांची को 1989 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल किया गया।