लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस को फिर से सक्रिय करने की तैयारी जोरशोर से शुरू हो गई है। खोई हुई राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए पार्टी ने तीन अहम कमेटियों का गठन किया है। कांग्रेस का टॉस्कफोर्स 2024 के तहत पालिटिकल अफेयर ग्रुप का गठन किया गया है जिसमें राहुल गांधी को शामिल किया गया है। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा, केसी बेणुगोपाल एवं जितेंद्र सिंह जैसे अनुभवी नेताओं को शामिल किया गया है। टॉस्क फोर्स में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के साथ पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए भी केंद्रीय संगठन का गठन किया है, जिसमें सचिन पायलट, शशि थरूर, दिग्विजय सिंह, असम से प्रद्युत बरदलै एवं जीतू पटवारी को शामिल किया गया है। इन तीनों कमेटियों के माध्यम से कांग्रेस एक बार फिर जनता से जुडऩे के लिए पहल शुरू करेगी। मालूम हो कि वर्ष 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश सहित कुछ राज्यों के विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। फिलहाल कांग्रेस के पास राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ जैसे दो राज्य ही बचे हैं। पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस के नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं। गुजरात से कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल तीन वर्ष तक पार्टी में रहने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। उन्होंने अपने शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाया है। अगले वर्ष होने वाले गुजरात चुनाव को देखते हुए पार्टी को सोचने पर विवश होना पड़ेगा। इसी तरह पंजाब में करारी हार के बाद सुनील जाखड़ धाकड़ नेता ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जेल की हवा खा रहे हैं। असम से प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जानेमाने वकील कपिल सिब्बल भी समाजवादी पार्टी का रुख कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। सिब्बल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बीच दूरी कम करने का काम करेंगे। जयपुर में आयोजित कांग्रेस के चिंतन शिविर में जो निर्णय लिया गया, उसी को कार्यान्वित करने के लिए कांग्रेस कदम उठा रही है। इन तीन कमेटियों के माध्यम से नाराज चल रहे कांग्रेस के जी-23 नेताओं को पार्टी की सक्रिय गतिविधियों से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी खबर है कि कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार के पास ही रहेगा। पार्टी से नाराज चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में फिर से जान फूंकने के लिए कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ महीनों से जिस तरह आम आदमी पार्टी एवं तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का विकल्प बनने की कोशिश कर रही है, उससे कांग्रेस नेता चिंतित हैं। कांग्रेस छोडक़र जाने वाले नेताओं में ज्यादातर लोगों ने आप एवं टीएमसी में शामिल हुए हैं। कुल मिलाकर आने वाला समय कांग्रेस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। अगर पार्टी अपने को बचाने के लिए कारगर कदम नहीं उठाती तो राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ भी हाथ से जा सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय अस्तित्व को बचाने के लिए 2024 में भी कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन करना होगा।