नरेंद्र मोदी सरकार के आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसको लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच कामयाबी एवं नाकामी को लेकर चर्चा हो गई है। सत्ता पक्ष की तरफ से कामयाबियों की सूची पेश की जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहना है कि मोदी सरकार ने देश की अस्सी करोड़ जनता को नि:शुल्क राशन उपलब्ध करवाया है। पचास करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दी गई है। मालूम हो कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। अपने कार्यकाल के प्रथम पांच वर्ष के दौरान मोदी ने गरीबों को राशन उपलब्ध कराने, महिलाओं को सशक्त करने, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम करके देश को मजबूत बनाने के लिए काम किया गया है।  स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए घर-घर शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने  के लिए योजनाएं लाई गईं। वहीं देश की अर्थ व्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने भरसक प्रयास किया। विभिन्न क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मोदी सरकार ने हर क्षेत्र में देशी-विदेशी कंपनियों को तरजीह दी। इसका परिणाम यह है कि मेक इन इंडिया के तहत कई विदेशी कंपनियों ने देशी कंपनियों के साथ मिलकर अपना काम शुरू किया है। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने तीन वर्षों में रक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने सहित कई क्षेत्रों में काम किया है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35 ए हटाकर मोदी सरकार ने साहसिक कार्य किया है। जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जिससे आतंकियों की कमर तोडऩे में मदद मिल रही है। आतंकियों का समर्थन करने वाले हुर्रियत के नेता अब जेल की हवा खा रहे हैं।  तीन तलाक को खत्म कर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हित में साहसिक कदम उठाया। विदेश नीति के मोर्चे पर पूरे विश्व में आज भारत का डंका बज रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने जवाब से दुनिया को हैरान कर रखा है। कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने जो प्रयास किया, उसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। कोरोना वैक्सीन से लेकर कोरोना से संबंधित सभी चीजों के उत्पादन के क्षेत्र में युद्धस्तर पर काम हुआ। केंद्र ने नल जल योजना के द्वारा घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने, महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस की सुविधा उपलब्ध करवाई। लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बीच कोरोना एवं रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सरकार महंगाई एवं बेरोजगारी के मोर्चे पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के बीच लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं। भारत की बेरोजगारी की दर 7.1 प्रतिशत हो गई। इसी तरह बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं। इन दोनों मोर्चों पर मोदी सरकार को और कारगर कदम उठाना होगा। डीजल-पेट्रोल की कीमतें घटाने तथा खाद्य तेल पर कस्टम ड्यूटी खत्म कर मोदी सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। लेकिन इस दिशा में और कुछ करने की जरूरत है। किसान आंदोलन के कारण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई चुनौतियां सामने आईं। अंत में बाध्य होकर मोदी सरकार को तीन कृृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा। आज देश में सांप्रदायिक माहौल बिगाडऩे की कोशिश हो रही है। इस मामले में सभी पक्षों को उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए एक-दूसरे की भावनाओं को सम्मान करना होगा। किसी भी विवादित मामले का निपटारा देश के संविधान तथा अदालतों द्वारा किया जाएगा। कुल मिलाकर मोदी सरकार का आठ वर्ष देश की सुरक्षा की दृष्टिकोण से काफी अच्छा रहा। भारत ने चीन की तरफ से मिल रही चुनौती का माकुल जवाब दिया है। आगे भी ऐसी चुनौती के लिए देश को हमेशा तैयार रहना होगा।