असम विधानसभा चुनाव-2021 के दूसरे चरण में 77.21 प्रतिशत मतदान की खबर है। चुनाव आयोग ने कहा कि ये आंकड़े शाम छह बजे तक के हैं। आयोग ने कहा कि एक-दो छिटपुट घटना को छोड़ मतदान केंद्रों पर दूसरे चरण का चुनाव शांतिपूर्ण रहा। आयोग ने एक बयान में कहा कि असम में दूसरे चरण में 39 विधानसभा क्षेत्रों में शाम छह बजे तक 77.21 प्रतिशत मतदान हुआ। इस चरण में 73,44,631 कुल मतदाताओं में 37,34,537 पुरुष और 36,09,959 महिलाएं और 135 थर्ड जेंडर के मतदाताओं ने अपने-अपने पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया। इस चरण में 26 महिलाओं समेत 345 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 13 जिलों की जनता ने की। इस चरण में पांच मंत्री और निवर्तमान सदन के उपाध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं। इस सिलसिले में आयोग ने कहा कि पिछले कुछ चुनावों की तुलना में ईवीएम में गड़बड़ी की दर भी इस बार कम रही। हालांकि कितनी मशीनों को बदला गया इस बारे में नहीं बताया गया। इस चरण के दौरान असम में 10,819 बैलेट यूनिट, 10592 कंट्रोल यूनिट और इतने ही वीवीपीएटी का इस्तेमाल हुआ। एक ईवीएम के लिए एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट और एक वीवीपीएटी होता है। मौजूदा चुनाव के दौरान दूसरे चरण तक करोड़ रुपए की जब्ती की गई। असम से सी-विजिल ऐप के जरिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 1306 मामले आए जिनमें से 927 का शाम साढ़े चार बजे तक निपटारा कर दिया गया। वहीं राज्यिक चुनाव अधिकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 39 सीटों के लिए हुए मतदान के दौरान बृहस्पतिवार सुबह स्थिति शांतिपूर्ण रही और बड़ी संख्या में मतदाता मतदान करने आए। अधिकारी ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं और उन्हें तत्काल बदलने के बाद मतदान निर्बाध जारी रहा। बराक घाटी, पर्वतीय क्षेत्र और मध्य एवं निचले असम में 13 जिलों के 10,592 मतदान केंद्रों में से अधिकतर के बाहर सुबह से मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। बड़ी संख्या में महिलाएं मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचीं। अधिकतर स्थानों पर लोगों को मास्क पहने और सामाजिक दूरी समेत कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते देखा गया। मतदान केंद्रों पर सेनिटाइजर एवं एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के दस्ताने उपलब्ध कराए गए और थर्मल स्कैनर से मतदाताओं के शारीरिक तापमान की जांच की गई। मतदाता मतदान केंद्रों के बाहर छह फुट की दूरी पर बनाए गए गोलों के भीतर खड़े दिखे। कई जिले के दुर्गम रास्ते को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिकों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा उपलब्ध कराए गए और उन्हें मतदान करने की इच्छा के लिए सम्मानित किया गया। मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर का भी प्रबंध था। स्वयंसेवकों को बुजुर्ग एवं दिव्यांगजन को मतदान केंद्रों तक ले जाते देखा गया। वरिष्ठ नागरिकों के लिए विश्राम स्थल भी बनाए गए, जहां वे मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार करते समय बैठ सकते हैं। मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ था, जो शाम छह बजे तक चला। कोरोना वायरस महामारी के कारण एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया है। अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में धोला से मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य, जागीरोड के पीयूष हजारिका, करीमगंज (उत्तर) से कांग्रेस विधायक कमलाख्या दे पुरकायस्थ, उनके भाजपा प्रतिद्वंद्वी मानस दास, नलबाड़ी से भाजपा उम्मीदवार जयंत मल्ल बरुवा, यूपीपीएल के गोविंद चंद्र बसुमतारी, असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं सिपाझर से भाजपा उम्मीदवार परमानंद राजबंशी शामिल हैं। कछार में कई मतदान केंद्रों को सजाया गया और हस्तशिल्प एवं हथकरघा के जरिए जिले में सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया।
छिटपुट हिंसा के बीच 77.21 फीसदी वोटरों ने डाले वोट
