तेजपुरः ब्रह्मविद्या विहंगम योग का संत समागम कल विश्वनाथ चाराली में संपन्न हुआ। इसमें संत प्रवर विज्ञान देव महाराज की दिव्य वाणी हुई। महाराज जी ने कहा कि आज हम धर्म के सही स्वरूप को भूलते जा रहे हैं, हम जड़ता के आधार पर उस चेतन परमात्मा को प्राप्त करने की चेष्टा कर रहे हैं, जिसके द्वारा उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता, हमारे ऋषियों का सिद्धांत कहता है कि चेतन आत्मा ही चेतन परमात्मा को प्राप्त करती है, मन बुद्धि इंद्रियों के द्वारा कर्म होते हैं भक्ति नहीं, हम प्रकृति के प्रवाह में प्रकृति के सुखों को भोगते चले जा रहे हैं उन सुखों को प्राप्त करने की चेष्टा कर रहे हैं जो शाश्वत नहीं है क्षणिक है, हमें अपनी प्राचीनतम भक्ति उपासना को पुनः अपने जीवन में उतारना होगा, मानव जीवन का ध्येय सुखों को भोगना नहीं वरन् परमात्मा को प्राप्त करना है। मनुष्य देह को मुक्ति का द्वार कहा गया है जिसके द्वारा परमात्मा की प्राप्ति होती है, सद्गुरु स्वतंत्र देव महाराज ने अपनी अमृतवाणी में उन्होंने संकेत किया कि बिना अपने स्वरूप का ज्ञान किए परमात्मा प्राप्ति की चेष्टा व्यर्थ है क्योंकि वह परमात्मा तो आत्मा की अंतरात्मा है, घट-घट में व्यापक उस परमसत्ता को प्राप्त करने के लिए सद्गुरु के सान्निध्य में योग साधना करने की आवश्यकता है, एक विधि है, जिसके द्वारा मन को स्थिर कर उसे लय करना होता है, चंचल मन साधना में बाधक है सर्वप्रथम मन को हम स्थिर करें इंद्रियों को दृढ़ करें भोगों से वैराग्य ले और प्राचीनतम योग साधना के द्वारा उस परमात्मा को प्राप्त करें, हम ना भूले कि हमारा क्षण-क्षण जीवन नष्ट हो रहा है कब तक हम अविद्या में जीते रहेंगे समय कह रहा है उत्तिष्ठं मनुर्भवः आवागमन से मुक्त होने का प्रयास करें जन्म और मरण के चक्रों का उल्लंघन कर परमानंद को प्राप्त करने में अपनी उर्जा को लगाएं, सभी का हर क्षेत्र में विकास हो सभी का आत्मिक कल्याण हो सदगुरुदेव ने सभी को आशीर्वाद दिया आज के प्रोग्राम में मुख्य रूप से राष्ट्रीय संत किशन शर्मा, विश्वनाथ चाराली भाजपा अध्यक्ष पंकज बोरा, पूर्वांचल विहंगम योग संस्थान के अध्यक्ष मदन मोहन सिंह, पूर्वांचल विहंगम योग संस्थान के महामंत्री मालीराम अग्रवाल, पूर्वांचल विहंगम योग संस्थान के मंत्री योगेंद्र गुप्ता, गुवाहाटी विहंगम योग संस्थान के अध्यक्ष किशन लाल प्रजापति, राजस्थान विहंगम योग संस्थान के अध्यक्ष सांवरमल जोशी, डिमापुर के अमीलाल अग्रवाल, जेके पांडे, नथमल टीबड़ेवाल, दिलीप शर्मा, रजत गुप्ता, अरुण सिंह, सुरेश गुप्ता, संजू अग्रवाल, अशोक शर्मा, छतर सिंह पवार, अशोक पारीक, जीतू पारीक, विक्की पारीक, महावीर प्रसाद सैनी, डॉ. चिंतामणि शर्मा, बबलू कुमार, महेंद्र प्रजापति, अजय प्रजापति, मनोज प्रजापत, विष्णु कांत प्रजापत, अरुण सिंघल, प्रभुनाथ सिंह, सुल्तान अहमद, विकास मोहन सिंह उपस्थित थे।