ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख और सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने हिंदुओं को लेकर किए अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे शब्दों से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। मैं केवल इतना चाहता हूं कि सरकार अल्पसंख्यकों के साथ न्याय करे और उन्हें शिक्षा और रोजगार दे। उल्लेखनीय है कि बदरुद्दीन अजमल ने बीते शुक्रवार को कहा था कि मुस्लिम पुरुष 20-22 साल की उम्र में शादी करते हैं और मुस्लिम महिलाएं 18 साल की उम्र में शादी करती हैं। दूसरी ओर हिंदू शादी से पहले एक-दो या तीन अवैध पत्नियां रखते हैं। वे बच्चों को जन्म नहीं देते हैं, इंजॉय करते हैं और पैसा बचाते हैं। माफी मांगने के बावजूद राजनीतिक पार्टियां उनके खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रही हैं। धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। असम जातीय परिषद (एजेपी)  के दुलू अहमद  और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) एवं नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। दूसरी ओर पूर्व मंत्री रकिबुल हुसैन ने अजमल से अपनी राजनीतिक और सामाजिक जीवन को छोड़कर घर बैठ जाने की सलाह दी। कारण कि ऐसी बयानबाजी से सामाजिक और धार्मिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है। रकिबुल का कहना है कि अजमल ऐसा कोई काम न करें, जिनसे सामाजिक सौहार्द प्रभावित हो। दूसरी ओर विधायक अखिल गोगोई और सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि अजमल ने इस तरह का बयान मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के इशारे पर दिया ताकि भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में फायदा उठा सके। गौरव का कहना है कि हिमंत और अजमल भाई-भाई हैं। अजमल के बयान की भर्त्सना सिर्फ असम में ही नहीं हो रही, बल्कि उनके खिलाफ मोर्चा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी खोल दिया। अजमल की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भी बयान दिया।   गिरिराज सिंह का कहना कि बदरुद्दीन और ओवैसी जैसे लोग हमें नसीहत ना दें। सनातन धर्म में सदैव प्रेम की पूजा होती रही है। इसी का प्रतीक है कि हमारे पूर्वज राजा सगर के साठ हजार पुत्र थे तो वहीं कृृष्ण की 16,000 प्रेमिका और पत्नियां थीं। आज भारत में वही मुसलमान हैं, जिसे मुगल काल में मुगलों ने सम्मान नहीं दिया था। असम से विधायक दिगंत कलिता ने अजमल पर निशाना साधते हुए कहा  कि आप मुस्लिम हैं और हम लोग हिंदू हैं। क्या हमें आपसे सीखना पड़ेगा? ये भगवान राम और देवी सीता का देश है। यहां बांग्लादेशी लोगों का कोई स्थान नहीं है। अगर आपको ऐसा बयान देना है तो बांग्लादेश में जाकर दें। भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि वह सुर्खियों में रहने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं, यूपी  के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा। दरअसल, अजमल ने कहा कि हिंदुओं को भी मुसलमानों के फॉर्मूले पर चलना चाहिए और अपने बेटों की शादी 20-22 साल की उम्र में और लड़कियों की 18-20 साल की उम्र में कर देनी चाहिए। फिर देखिए कितने बच्चे पैदा होते हैं। अजमल ने श्रद्धा की हत्या के संदर्भ में असम के मुख्यमंत्री के लव जिहाद के दावों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा था कि हिंदू लड़के 40 साल की उम्र के बाद माता-पिता के दबाव में शादी कर लेते हैं। तो, कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि वे 40 के बाद बच्चे पैदा करेंगे? यदि उपजाऊ भूमि में बीज बोओगे, तभी  तो फसल अच्छी होगी।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आज देश के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। तो उन्हें कौन रोक रहा है? आप भी लव जिहाद करो और हमारी मुस्लिम लड़कियों को ले जाओ। अजमल के इस बयान से मुस्लिम समाज नाराज हो गया है। मुसलमानों का कहना है कि अजमल को मुस्लिम लड़कियों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है, उनकी टिप्पणी से मुस्लिम लड़कियों की गरिमा प्रभावित हुई है।