केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी चल रही है। राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर काफी गहमागहमी है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह अंतिम फेरबदल हो सकता है। इस वर्ष 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने वाले है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दे सकते हैं जहां चुनाव होने वाले हैं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा होगी। बेहतर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों का कद निश्चित रूप से बढ़ेगा, किंतु खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उसकी जगह नए लोगों को जगह मिल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर को और अहम जिम्मेवारी मिल सकती है। इसी तरह गुजरात चुनाव के रणनीतिकार माने जाने वाले सीआर पाटिल को दिल्ली में अहम भूमिका मिल सकती है। ऐसी खबर है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के लिए भी नई जगह तलाशी जा रही है। भाजपा अभी से ही वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारी में जुट गई है। 20 जनवरी से देश के लगभग 440 सीटों पर फोकस करने की तैयारी है। सात-आठ लोकसभा सीटों को एक केंद्रीय मंत्री के जिम्मे सौंपा जाएगा। केंद्रीय मंत्री निर्धारित संसदीय क्षेत्र में रुकेंगे तथा केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा उक्त क्षेत्र में पार्टी की संगठनात्मक स्थिति को मजबूत करने का भी प्रयास करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के संभावित उम्मीदवारों पर मुहर लगाएगी। इस वर्ष कर्नाटक, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। भाजपा जिन राज्यों में सत्तारूढ़ है वहां अपनी गद्दी बचाने की पूरी कोशिश करेगी ताकि उसका लाभ अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिल सके। इसके अलावा बिहार में भी पार्टी अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार के दौरे पर जा चुके हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। देश की तमाम विपक्षी पार्टियां मिलकर मोदी को चुनौती देने की कोशिश में हंै। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। इसका कारण यह है कि विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव तथा एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस रेस में हैं। हालांकि उन्होंने इस तरह की बात से इनकार भी किया है। कुल मिलाकर अभी से ही विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव के लिए विभिन्न पार्टियों द्वारा रणनीति बनाने की पहल शुरू हो चुकी है। भाजपा अपनी संगठनात्मक स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल में ऐसे चेहरों को शामिल करना चाहती है जिनका प्रभाव जनता पर हो। यह सारा निर्णय प्रधानमंत्री के ऊपर है। कुल मिलाकर अगला कुछ दिन भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल
