गुवाहाटी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों और विदेश नीति में क्षमता/कौशल निर्माण के लिए भारतीय विश्व मामलों की परिषद (आईसीडब्ल्यूए) के साथ 19 जुलाई को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस महीने की शुरुआत में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आईआईटी गुवाहाटी यात्रा के परिणामस्वरूप संस्थान ने विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर भारत के प्रमुख और सबसे पुराने थिंक टैंक भारतीय विश्व मामलों की परिषद (आईसीडब्ल्यूए) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रोफेसर परमेश्वर के अय्यर, कार्यवाहक निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी और राजदूत विजय ठाकुर सिंह, महानिदेशक, आईसीडब्ल्यूए के बीच अंतराष्ट्रीय मामलों और भारतीय विदेश नीति पर ज्ञान और जागरूकता बढ़ाने के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने के उद्देश्य से 19 जुलाई को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता 3 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा।
एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए आईआईटी गुवाहाटी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. परमेश्वर के अय्यर ने कहा, आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के क्षेत्रों में सहयोगात्मक हस्तक्षेप और कई मोर्चों पर तालमेल को बढ़ावा देना समय की मांग है। आईआईटी गुवाहाटी का आईसीडब्ल्यूए के साथ सहयोग वैश्विक क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों और एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के साझा दृष्टिकोण को संबोधित करने के संयुक्त प्रयासों की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सहयोग के अपेक्षित परिणामों में अंतर्राष्ट्रीय मामलों और भारतीय विदेश नीति पर जागरूकता के संदर्भ में असम में स्थित विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और अन्य भागीदारों में हितधारकों का बौद्धिक विकास तथा सामान्य हित के मुद्दों पर पारस्परिक रूप से सहमत तौर-तरीकों के माध्यम से संयुक्त अध्ययन करना शामिल होंगे। गौरतलब है कि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो विश्व मामलों की भारतीय परिषद के अध्यक्ष भी हैं, ने आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान इस सहयोग की घोषणा की थी। माननीय उपराष्ट्रपति ने कहा, यह सहयोग संस्थान को एक अलग प्रकृति की दुनिया के लिए एक खिड़की देगा।